बिहुगीत
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✍ संकलन, लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य
बिहु असम का जातीय त्योहार है। बिहु तीन प्रकार के होते हैं- रङाली या बहाग बिहु, कङाली या काति बिहु और भोगाली या माघ बिहु। रङाली बिहु वैशाख के महीने में मनाया जाता है । यह बिहु रंगों का त्योहार है। कङाली बिहु कार्तिक महीने में मनाया जाता है। इस बिहु में लोगों की आर्थिक स्थिति दुर्बल रहती है। इस बिहु अनाज की मंगलकामना करते हुए लोग लक्ष्मी की आराधना करते हैं। भोगाली बिहु माघ महीने में मनाया जाता है। अनाज काटने के बाद इस बिहु के समय लोगों के घर अनाज से भरे होते हैं। यह बिहु भोग का बिहु है।
रङाली बिहु में लोग नाचते और गाते हैं। बिहुगीतों में युवक-युवतियाँ के उद्दाम प्रेम की अभिव्यक्ति मिलती है। इसके अलावा भी असमीया समाज के विविध पहलुओं का सुंदर चित्रण बिहुगीतों में मिलता है।