✍ संकलन, लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य
मूल असमीया रूप
बिहु थाके माने बिहुके बिनाबि
बिहु गॅले बिनाबि काक।
नेखाइ चारि साज थाकिब पारो मइ
बॅहागर बिहुरे लगत॥
हिन्दी अनुवाद
जब तक बिहु है बिहु ही गायेगा
गायेगा क्या जाने के बाद।
न खाकर चार वक्त रह मैं सकता हूँ
वैशाख बिहु के साथ॥