असमीया सप्तकांड रामायण का हिंदी पद्यानुवाद (पद संख्या 31 से 40 तक)
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तेवे जन्मिबंत राम चारि रूप धरि ।
बले बीर्य्ये धैर्य्यधिक देवतात करि ॥
चारि भाइ महाबीर बिष्णु अंशे जात ।
दुष्ट बिनाशन हेतु जगते प्रख्यात ॥31
अनुवाद
तब चार रूपों में आ राम जन्म लेंगे।
शक्ति,वीर्य, धैर्य में देवों से श्रेष्ठ होंगे॥
चारों भाई वीर, विष्णु के अंश जिनमें।
दुष्टों के विनाश हेतु ख्याति जगत में॥31