भीष्म साहनी का नाटक ‘माधवी’: एक समीक्षा
1 min readसमीक्षक: संजीव मण्डल
भीष्म साहनी हिंदी के एक प्रसिद्ध लेखक हैं । उनका जन्म 8 अगस्त, 1915 ई. में रावलपिंडी
(पाकिस्तान) में हुआ था । 11 जुलाई, 2003 ई. को उनकी मृत्यु दिल्ली में हुई । वे कथाकार और नाटककार के रूप में हिंदी साहित्य में एक विशेष स्थान रखते हैं । उनके कहानी संग्रह हैं- ‘भाग्य रेखा’ (1953 ई.), ‘पहला पाठ’ (1957 ई.), ‘भटकती राख’ (1966 ई.), ‘पटरियाँ’ (1973 ई.), ‘वाङ्चू’ (1978 ई.), ‘शोभायात्रा’ (1981 ई.), ‘निशाचर’ (1983 ई.), ‘पाली’ (1989 ई.) और ‘डायन’ (1998 ई.) । उनके उपन्यास हैं- ‘झरोखे’ (1967 ई.), ‘कड़ियाँ’ (1970 ई.), ‘तमस’ (1973), ‘वसंती’ (1980 ई.), ‘मय्यादास की माड़ी’ (1988 ई.), ‘कुंतो’ (1993 ई.) और ‘नीलू नीलिमा नीलोफर’ (2000 ई.) । उनके नाटक हैं- ‘हानूश’ (1977 ई.), ‘कबिरा खड़ा बाजार में’ (1981 ई.), ‘माधवी’ (1984 ई.), ‘मुआवजे’ (1993 ई.), ‘रंग दे बसंती चोला’ (1998 ई.), और ‘आलमगीर’ (1999 ई.) । उनकी आत्मकथा ‘आज के अतीत’ 2003 ई. में प्रकाशित हुई ।