हिन्दी सेवी श्री दशरथ बर्मन का साक्षात्कार
1 min readसाक्षात ग्रहण- डॉ॰ रीतामहण वैश्य
रीतामहण वैश्य : जबसे हमने आपको देखा है, एक ही चेहरा सामने आता है
जो शाांत और गांभीर है। आप बहुत कम बोलते हैं। कभी आपसे अपने बारे में
जानने का अवसर भी नहीं हमला। आज आपसे आपके जीवन के बारे में कुछ
बातें करना चाहती हूँ।
दशरथ बममन : हाूँ, मैं कम बोलता हूँ, पर बोलता हूँ। मेरी तबीयत अब ठीक नहीं है। बहुत बातें भूल चुका हूँ। फिर भी हजतना हो सके, मैं बताने की कोहशश करूँगा।