प्रह्लाद-चरित्र-Prahlad Charitra
1 min read‘प्रह्लाद-चरित्र’ कवि हेम सरस्वती की रचना है। कवि ने काव्य में यह कहा है कि वामन-पुराण के आधार पर आपने इस काव्य की रचना की है। यह काव्य एक सौ पदों का संकलन है। पर वर्तमान के वामन पुराण में यह आख्यान लुप्त है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि हेम सरस्वती के समय वामन पुराण नाम से कोई महापुराण था,जो परवर्ती काल में विलुप्त हो गया । ‘प्रह्लाद-चरित्र’ में हरि के परम भक्त प्रह्लाद पर पिता का अत्याचार तथा विष्णु के नरसिंह के अवतार के हाथों उसके निधन की कथा का वर्णन है। कवि के भाव एवं भाषा का नमूना देखिये-
क्रोधिलेक राजाए पुत्र शुनि बाणी।
तुलात लागिला येन प्रचंड अगनि॥
भावार्थ- पुत्र की वाणी सुनकर राजा क्रोधित हो गए। मानो रुई में प्रचंड अग्नि लगी हो।