असमीया सप्तकांड रामायण (पद संख्या 51 से 75 तक)
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मूल
बशिष्ठ प्रमुख्ये बुलिबंत पात्रगण ।
नराखिबा रामचंद्रे काहार बचन ॥
निष्ठुर बचन रामे बुलि भरतक ।
पुनरपि पालटाइ पठाइबा राज्यक ॥ 51
अनुवाद
वशिष्ठ के सहित बोलेंगे पात्रगण।
नहीं मानेंगे श्रीराम किसी का वचन॥
निष्ठुर वचन कह राम भरत से।
फिर वापस भेजे देंगे राज्य के लिए॥ 51