असमीया सप्तकांड रामायण (पद संख्या 151 से 175 तक)
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✍ लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य
मूल
धरिया शिरत मुनि ब्रह्मार आदेश।
सुमरिला मुनि नारदर उपदेश॥
रामायण करिते लागिला अनुक्रमे।
बंशावली कहिबाक लागिला प्रथमे॥151
अनुवाद
धारण कर शिर पर ब्रह्मा आदेश।
स्मरण कर मुनि नारद उपदेश॥
रामायण करने लगते अनुक्रम। वंशावली का वर्णन कहते प्रथम॥151