✍ लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य ‘कीर्त्तन-घोषा’ असम के प्रसिद्ध कवि महापुरुष शंकरदेव की अनन्य रचना है। यह रचना...
Month: July 2021
लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल असमीया पाठ सादरे भृंगार धरि प्रक्षालिला पाव। षड़र्घे करिला पूजा बुलि बहु भाव॥ ...
✍ संजीव मण्डल 1 चाँद चमकता है गुरूर में अविराम रोशनी उधार की ग्रहण का सूरज जलता है पिछवाड़े...
✍ संकलन, लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल असमीया रूप बिहु थाके माने बिहुके बिनाबि बिहु गॅले...