लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल असमीया पाठ सादरे भृंगार धरि प्रक्षालिला पाव। षड़र्घे करिला पूजा बुलि बहु भाव॥ ...
Day: July 10, 2021
✍ संजीव मण्डल 1 चाँद चमकता है गुरूर में अविराम रोशनी उधार की ग्रहण का सूरज जलता है पिछवाड़े...
लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल असमीया पाठ सादरे भृंगार धरि प्रक्षालिला पाव। षड़र्घे करिला पूजा बुलि बहु भाव॥ ...
✍ संजीव मण्डल 1 चाँद चमकता है गुरूर में अविराम रोशनी उधार की ग्रहण का सूरज जलता है पिछवाड़े...