डिमरीया महाविद्यालय में दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार
1 min readआई ॰ क्यू॰ ऐ॰ सी॰, डिमरीया महाविद्यालय के सहयोग से हिन्दी विभाग, डिमरीया महाविद्यालय आगामी 23,24 अगस्त, 2021को दोपहर 3.00 बजे से दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित करने जा रहा है। वेबिनार का मूल विषय है – ‘कला, संस्कृति, साहित्य और पूर्वोत्तर भारत’। उप-विषयों में शामिल है – पूर्वोत्तर भारत के लोकोत्सव, पूर्वोत्तर भारत की भाषाएँ एवं साहित्य, पूर्वोत्तर भारत की विविध कलाएँ, पूर्वोत्तर भारत का भक्ति साहित्य, पूर्वोत्तर भारत की कला, संस्कृति एवं साहित्य में विद्वानों का योगदान, पूर्वोत्तर भारत की पत्र-पत्रिकाएँ एवं मूल विषय से संबन्धित अन्य विषय।
कार्यक्रम के संयोजक डिमरीया महाविद्यालय की सहायक अध्यापक डॉ॰ जशोधरा बोरा ने बताया कि इस वेबिनार का मुख्य उद्देश्य पूर्वोत्तर भारत की विशाल कला, संस्कृति और साहित्य से शेष भारत को अवगत कराकर पूर्वोत्तर भारत को शेष भारत से जोड़ना।
डिमरीया महाविद्यालय के अध्यक्ष डॉ॰ बिमान भट्ट के निर्देशन में इस राष्ट्रीय वेबिनर का उद्घाटन सत्रीया विशेषज्ञ और आर॰ जी॰ बरुवा महाविद्यालय में राजनीति विज्ञान विभाग की सहयोगी अध्यापक डॉ॰ मल्लिका कंदली करेंगी। देश और विदेशों में भी असम के सत्रीया नृत्य को एक विशिष्ट पहचान दिलाने में डॉ॰ कंदली की विशेष देन रही है।
गौहाटी विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ॰ रीतामणि वैश्य कार्यक्रम के स्रोत विद्वान के रूप में भाग लेंगी। डॉ॰ वैश्य असम के समाज, साहित्य एवं संस्कृति को हिन्दी के जरिए राष्ट्रीय स्तर तक ले जाने के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती आयी हैं। असम के भक्ति साहित्य पर लेखन एवं अनुवाद इनमें से विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। वे पूर्वोत्तर भारत की पहली हिन्दी ई शोध पत्रिका ‘शोध-चिंतन पत्रिका’ की संपादक हैं।
त्रिपुरा के हिन्दी विभाग की सहायक अध्यापक डॉ॰ मिलन रानी जमातिया और असम विश्वविद्यालय के दिफू परिसर के हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष अध्यापक जय कौशल भी स्त्रोत विद्वान के रूप में वेबिनार में हिस्सा लेंगे। डॉ. जमातिया ने त्रिपुरा के साहित्य एवं संस्कृति पर कई महत्त्वपूर्ण काम किये हैं। त्रिपुरा के लोकसाहित्य को हिन्दी के जरिए प्रामाणिक रूप से प्रकाशित करने का श्रेय उन्हें जाता है।
पूर्वोत्तर की कला,साहित्य एवं संस्कृति पर काम करने वाले विशिष्ट विद्वानों में डॉ. जय कैशल जाने जाते हैं। वे पिछले कई सालों से हिन्दी के जरिए पूर्वोत्तर भारत की सेवा करते आये हैं।
उल्लेख किया जा सकता है कि डॉ. रीतामणि वैश्य, डॉ. मिलन रानी जमातिया और अध्यापक जय कौशल के संयुक्त सम्पादन में ‘पूर्वोत्तर साहित्य-नागरी मंच’ की हिन्दी ई पत्रिका ‘पूर्वोत्तर सृजन पत्रिका’ का प्रकाशन हो रहा है। ‘पूर्वोत्तर सृजन पत्रिका’ पूर्वोत्तर भारत के समाज के विविध पक्षों का प्रामाणिक दस्तावेज है। पत्रिका को देश और विदेशों में भी काफी समादर मिला है।
इस राष्ट्रीय वेबिनार का मंच ज़ूम (ZOOM) होगा। पंजीकरण के लिए संबद्ध पीडीएफ (PDF) को खोलें और ‘CLICK HERE’ पर क्लिक करें। शोध सारांश 500 शब्दों में मंगल यूनिकोड फॉन्ट (Mangal Unicode Font ) के वर्ड और पीडीएफ (Word & PDF) दोनों प्रारूपों (Format) में 15 अगस्त, 2021 से पहले भेजें। संचालक डॉ. बोरा ने इस से संबन्धित जानकारी के लिए निम्नलिखित मोबाइल नंबर और ई॰ मेल से संपर्क करने के लिए कहा है।
संपर्क सूत्र : 8761870277, ई मेल- hindidimoria@gmail.com
पंजीकरण के लिए लिंक : https://us02web.zoom.us/meeting/register/tZckdeqopjkrHdHwexD_oDAgr1uVUDXoGkAE