लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल असमीया पाठ सादरे भृंगार धरि प्रक्षालिला पाव। षड़र्घे करिला पूजा बुलि बहु भाव॥ ...
सप्तकांड रामायण
✍ लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल असमीया पाठ धैर्य्य येन मेरु गिरि गंभीर सागर। प्रतापत आदित्य क्रोधत महेश्वर॥...
✍ लिप्यंतरण एवं अनुवाद: डॉ. रीतामणि वैश्य मूल धरिया शिरत मुनि ब्रह्मार आदेश। सुमरिला मुनि नारदर उपदेश॥ रामायण करिते लागिला...
मूल आरो एक श्रेष्ठ भाइ हैब बैमातर। इरार तनय कुबेर धनेश्वर॥ बिष्णु भक्त हैबंत कुबेर बिभीषण। हैब दुष्ट दुर्ज्जन...
मूल राघवर शिरे बरषिब पारिजात। पाचे राम देव कार्य्य सांफलि साक्षात॥ बिभीषण मित्रक आश्वासि रघुबर । पातिबंत तांक अभिनव लंकेश्वर...
मूल सीताक दिबाक बुलिलंत विभीषणे । मारिवंत लाथि ताक दुर्ज्जन रावणे ॥ रामत शरण आसि लैबा बिभीषणे ॥ तांक अभिषेक...
मूल बशिष्ठ प्रमुख्ये बुलिबंत पात्रगण । नराखिबा रामचंद्रे काहार बचन ॥ निष्ठुर बचन रामे बुलि भरतक । पुनरपि पालटाइ पठाइबा...
मूल अहल्याक मुक्त रामे करिबा साक्षात । रामे सबे ऋषि प्रवेशिब मिथिलात ॥ धनुक भांगिया रामे पाइबंत सीताक । अनायसे...
मूल तेवे जन्मिबंत राम चारि रूप धरि । बले बीर्य्ये धैर्य्यधिक देवतात करि ॥ चारि भाइ महाबीर बिष्णु अंशे जात...
मूल असमीया पाठ नारदे सहिते ब्रह्मा बसिल तथात । करिला बाल्मीकि दुइरो पावे प्रणिपात ॥ पाद्ये अर्घे गंधे धूपे पूजि...